राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग
- स्थापना : 4 अगस्त 1993
- संवैधानिक निकाय (अनुच्छेद 338(B)) – संवैधानिक दर्जा वर्ष 2018 में 102 वें संविधान संशोधन द्वारा
- संबंधित भाग : 16
- संबंधित अनुच्छेद : 338(B)
- सबंधित मंत्रालय : सामाजिक न्याय व कल्याण मंत्रालय
- मुख्यालय : नई दिल्ली
प्रथम अध्यक्ष : आर एन प्रसाद
वर्तमान अध्यक्ष : हंसराज गंगाराम अहीर
वर्तमान उपाध्यक्ष : लोकेश कुमार प्रजापति
संरचना : 1 अध्यक्ष + 1 उपाध्यक्ष + 3 सदस्य
- अध्यक्ष तथा सदस्य की नियुक्ति : राष्ट्रपति द्वारा
- सेवा शर्तें तथा कार्यकाल : राष्ट्रपति द्वारा (3 वर्ष के लिए)
प्रमुख बिंदु :
-आयोग अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है जिसे राष्ट्रपति संसद में प्रस्तुत करवाता है
– राज्य से संबंधित रिपोर्ट संबंधित राज्य के राजपाल को सौंपता है जिसे राज्यपाल विधानमंडल में प्रस्तुत करवाता है
– आयोग को सिविल न्यायालय की शक्तियां प्राप्त है
– अगर केन्द्र ता राज्य सरकार कोई नियम बना रही है जो पिछड़ा वर्ग से संबंधित हो तो उसे पिछड़ा वर्ग आयोग से सलाह लेना होगा
कार्य :
-आर्थिक या शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग के संवैधानिक संरक्षण से संबंधित मामलों का निरीक्षण
– पिछड़ा वर्ग के हितों के उलंघन करने वाले मामलों कि जांच पड़ताल तथा सुनवाई
– इनके संरक्षण में किए गए कार्यों की जानकारी प्रतिवर्ष राष्ट्रपति को देना
– सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए केन्द्र या राज सरकार द्वारा जो कार्य लिए जाने चाहिए कि सिफारिश करेगा
– इनके संरक्षण हेतु केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करना
शक्तियां :
– आयोग को दीवानी (सिविल) न्यायालय की शक्तियां प्राप्त होती है
– भारत के किसी भी भाग से किसी व्यक्ति को समन करना
– किसी दस्तावेज को पेश करने की अपेक्षा करना
– किसी न्यायालय या कार्यालय से किसी लोक अभिलेख या उसकी प्रति की अपेक्षा करना
पृष्ठभूमि :
अनुच्छेद 340 : राष्ट्रपति द्वारा सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की दशाओं की जांच करने हेतु आयोग का गठन ( प्रकृति – अस्थाई आयोग)
1953 : काका कालेकर की अध्यक्षता में प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन – OBC नाम की कैटेगरी बनाकर आरक्षण की अपील
1979 : विदेश्वरी मंडल की अध्यक्षता में द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग
1980 : द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा सरकारी नौकरी में 27% आरक्षण की सिफारिश
1990 : मंडल आयोग की सिफारिश को मानकर OBC के लिए 27 % आरक्षण
1992 : इंद्रा साहनी(मंडल) वाद में उच्चतम न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार को पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने का निर्देश
1993 : राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1993 के तहत पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन
2018 : 102 वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान में अनुच्छेद 338(B) जोड़कर आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया
संबंधित अनुच्छेद : 338(B)
मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग :
- स्थापना : 13 मार्च 1993 (राज्य सरकार द्वारा)
- एक वैधानिक संस्था है ( क्योंकि इसका गठन मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1995 के द्वारा किया गया )
संरचना : 1 अध्यक्ष + 2 सदस्य
- अध्यक्ष तथा सदस्यों में से कम से कम एक अन्य पिछड़ा वर्ग का होगा
- अध्यक्ष या सदस्य का कार्यकाल : 3 वर्ष
- नियुक्ति तथा त्यागपत्र : राज्य सरकार
- वेतन भत्ते : राज्य सरकार द्वारा निर्धारित
- पद से हटाना : राज्य सरकार द्वारा
- मुख्यालय : ?
प्रथम अध्यक्ष : वसंत राव
वर्तमान अध्यक्ष : गौड़ी शंकर बिशेन
अधिकारी तथा कर्मचारी लोक सेवक समझे जाएंगे
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