भारत निर्वाचन आयोग तथा राज्य निर्वाचन आयोग
भारत निर्वाचन आयोग
– स्थापना – 25 जनवरी 1950
– स्थाई एवं स्वतंत्र निकाय
– अखिल भारतीय संस्था – क्योंकि यह केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों के लिए समान है।
– संबंधित अनुच्छेद – 324 – 329
– अनुच्छेद 324 – संसद, राज्य विधानमंडल, राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के पदों के निर्वाचन के लिए संचालन, निर्देशन व नियंत्रण की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है।
– संरचना : मुख्य निर्वाचन आयुक्त + 2 अन्य निर्वाचन आयुक्त
मुख्य निर्वाचन आयुक्त व दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों के पास समान शक्तियां होती है तथा उनके वेतन, भत्ते व दूसरे अनुलाभ भी एक समान होते हैं।
– नियुक्ति – राष्ट्रपति द्वारा
– कार्यकाल – 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु
– शपथ – राष्ट्रपति दिलवाता है
– त्यागपत्र – राष्ट्रपति को
– राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद पर नहीं होता है
पद से हटाने की प्रक्रिया –
– मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पद से हटाने की प्रक्रिया वहीं होती है जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की है।
– अन्य निर्वाचन आयुक्त या प्रादेशिक आयुक्त को मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सिफारिश पर ही हटाया जा सकता है।
प्रमुख बिंदु :-
– संविधान में निर्वाचन आयोग के सदस्यों की अर्हता निर्धारित नहीं है
– संविधान में सेनानिवृत्ति के बाद निर्वाचन आयुक्तों को सरकार द्वारा अन्य दूसरी नियुक्तियों पर रोक नहीं लगाई गई है
– राज्यों में होने वाले पंचायतों व निगम चुनावों से निर्वाचन आयोग का कोई संबंध नहीं है।
शक्ति तथा कार्य :-
– परिसीमन
– योग्य मतदाताओं को पंजीकृत करना
– निर्वाचन की तिथि तथा निर्वाचन चिन्ह आवंटित करना
– दलों को मान्यता प्रदान करना- निर्वाचन संबंधी विवाद की जांच करवाना
– निर्वाचन के समय अचार संहिता निर्मित करना
– रिगिंग, मतदान केंद्र लूटना, हिंसा व अन्य अनियमितताओं के आधार पर निर्वाचन रद्द करना
– देश के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त – श्री सुकुमार सेन
– वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त – श्री सुनील अरोड़ा
राज्य निर्वाचन आयोग
73वें व 74वें संविधान संशोधन अधिनियम1992 के अधीन प्रत्येक राज्य में पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी निकायों के चुनाव निष्पक्ष व समय पर करवाने हेतु पृथक से राज्य चुनाव आयोग की व्यवस्था की गई है।
– सांविधिक निकाय
– यह एक सदस्यीय आयोग है
– अध्यक्ष – राज्य निर्वाचन आयुक्त
– नियुक्ति – राज्यपाल द्वारा
– कार्यकाल – 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु
– शपथ – राज्यपाल राज्य निर्वाचन आयुक्त को पद से हटाने की प्रक्रिया वहीं होती है जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की है।
क्या आप जानते है राज्य निर्वाचन आयुक्त अपना त्यागपत्र किसे देता है ?
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग
– गठन – 1 फरवरी 1994
– संबंधित अनुच्छेद – 243 क, 243 ट
– पंचायती राज चुनाव से संबंधित अनुच्छेद – 243 k
– नगर निकाय चुनाव से संबंधित अनुच्छेद – 243 za
– अनुच्छेद 243-य क में यह उपबन्ध है कि नगरपालिकाओं के लिये कराए जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए निर्वाचक नामावली तैयार कराने का और उन सभी निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण संविधान के अनुच्छेद 243 ट के अन्तर्गत गठित राज्य निर्वाचन आयोग में निहित होगा ।
शक्ति तथा कार्य :-
– पंचायती राज तथा नगर निकाय का चुनाव ( तीनों स्तरों पर ) करवाना
– पंचायती राज तथा नगर निकाय चुनाव में योग्य मतदाताओं को पंजीकृत करना- निर्वाचन की तिथि तथा निर्वाचन चिन्ह आवंटित करना
– दलों को मान्यता प्रदान करना- निर्वाचन संबंधी विवाद की जांच करवाना
– निर्वाचन के समय अचार संहिता निर्मित करना
– रिगिंग, मतदान केंद्र लूटना, हिंसा व अन्य अनियमितताओं के आधार पर निर्वाचन रद्द करना
मध्यप्रदेश के प्रथम राज्य निर्वाचन आयुक्त – श्री न ब लोहनी ( कार्यकाल – 15.02.1994 – 16.02.2000 )
मध्यप्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त (वर्तमान में) – श्री बसंत प्रताप सिंह
मध्यप्रदेश के प्रथम सचिव (निर्वाचन आयोग) – श्री प्रकाश चंद (कार्यकाल – 16.02.1994 – 30.11.1995 )
मध्यप्रदेश के सचिव (निर्वाचन आयोग) – श्री राकेश सिंह
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