बाल संरक्षण आयोग
उद्देश्य : 0-18 वर्ष के बच्चों का संरक्षण व विकास
स्थापना : 5 मार्च 2007 को (केन्द्र सरकार द्वारा)
सांविधिक निकाय (ना कि संवैधानिक) – क्योंकि इसका गठन संसद में पारित अधिनियम (राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग अधिनियम 2005) के अन्तर्गत हुआ था
– गठन से संबंधित धारा : 3
– मुख्यालय : नई दिल्ली
– संबंधित मंत्रालय : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
– प्रथम अध्यक्ष : शांता सिन्हा
– वर्तमान अध्यक्ष : प्रियांक कानूनगो (4th)
संरचना : 1 अध्यक्ष + 6 सदस्य (कम से कम 2 महिला सदस्य होनी चाहिए)
अर्हता :
अध्यक्ष : बाल कल्याण हेतु उत्कृष्ट कार्य किया हो
सदस्य : शिक्षा, बाल कल्याण, बाल समाजशास्त्र, मनोविज्ञान आदि में ख्याति प्राप्त व्यक्ति
नियुक्ति :
- अध्यक्ष : केन्द्र सरकार द्वारा – तीन सदस्यीय समिति (1 अध्यक्ष + 2 सदस्य) के आधार पर
- समिति का अध्यक्ष – केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री
- समिति के दो सदस्य केन्द्र सरकार द्वारा चयनित
- आयोग के सदस्य : केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त
कार्यकाल :
अध्यक्ष – 3 वर्ष या 65 वर्ष आयु
सदस्य – 3 वर्ष या 60 वर्ष आयु
अधिकतम 2 बार किसी को अध्यक्ष या सदस्य बनाया जा सकता है
त्यागपत्र : केन्द्र सरकार को
वेतन केन्द्र सरकार द्वारा तय होता है
अध्यक्ष और सदस्य को पद से हटाना : केन्द्र सरकार द्वारा
– दिवालिया, मानसिक या शारीरिक रूप से अस्वस्थ, कार्य करने असक्षम या पद का दुरुपयोग करता हो
– लगातार तीन बैठकों में बिना बताए अनुपस्थित रहने पर भी उसे हटाया जा सकता है
अध्यक्ष पद की रिक्ती को 90 दिनों के अंदर भर दिया जाता है
आयोग अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को या फिर संबंधित राज्य सरकार को सौंपता है
कार्य :
- बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए कानूनी सुरक्षा उपाय करना
- बाल अधिकारों के उल्लंघन के संबंध में जांच और कार्यवाही
- आतंकवाद, हिंसा, आपदा, एचआईवी / एड्स, तस्करी, माल-उपचार, शोषण, पोर्नोग्राफी और वेश्यावृत्ति से प्रभावित बच्चों के अधिकारों की जांच, उपचारात्मक उपायों की सलाह देना
- बच्चों के हित में नीति, कार्यक्रम और गतिविधियाँ
- बाल अधिकारों और सुरक्षा के बारे में अनुसंधान, साक्षरता और जागरूकता फैलाना
- शिक्षा के अधिकार के कार्यान्वयन की निगरानी
- बाल श्रम के बचाव और पुनर्वास के मामलों की निगरानी करना
- इस तरह के अन्य कार्य जो कि बाल अधिकारों को बढ़ावा देने और उपरोक्त कार्यों के लिए आकस्मिक किसी भी अन्य मामले के लिए आवश्यक माना जा सकता है
शक्तियां और अधिकार :
- आयोग को सिविल अदालत के अधिकार प्राप्त हैं ।
- इस आयोग को सतर्क जांचकर्ता, परीक्षणकर्ता और प्रेक्षक की हैसियत प्राप्त है
Rank – आयोग का सचिव भारत सरकार के संयुक्त सचिव या अतिरिक्त सचिव स्तर का व्यक्ति होगा
बच्चों से संबंधित मौलिक अधिकार :
अनुच्छेद 21(A) : 6 से 1र वर्ष के बच्चों को निः शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा
अनुच्छेद 24 : 14 वर्श्वसे कम आयु के बच्चों को काम पर प्रतिबंध
बच्चों से संबंधित राज्य के नीति निर्देशक तत्व :
अनुच्छेद 39(E) : बालकों को अवस्था के दुरुपयोग से संरक्षण
अनुच्छेद 45 : राज्य द्वारा 0 से 14 वर्ष की आयु तक निः शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराना
संबंधित अधिनियम :
- बालक श्रम प्रतिषेध अधिनियम, 1986
- बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006
- बालक संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009
- किशोर न्याय संरक्षण अधिनियम, 2000
- किशोर न्याय संरक्षण अधिनियम, 2016
- लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012।। The Protection of Children from Sexual Offense Act(POSCO)
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