इस आर्टिकल में जीवाणु, विषाणु, फफूंद, प्रोटोज़ोआ आदि से होने वाले प्रमुख मानव रोगों को हमने एक टेबल में संकलित किया है। ताकि स्टूडेंट्स को यह टॉपिक याद करने में आसानी हो सके। मानव रोग, उसके लक्षण, फ़ैलाने वाले करक, वाहक आदि से सम्बंधित प्रश्न विभिन्न प्रत्योगिता परीकक्षाओं में अधिकांशतः पूछे जाते हैं। अतः विद्यार्थियों के लिए यह जरुरी है की इस टॉपिक को अच्छे से समझ कर याद कर लें।
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परजीवी (Protozoa) से होने वाले रोग
रोग | परजीवी | प्रभावित अंग | वाहक (मच्छर/मक्खी ) | उपयोगी दवा | लक्षण |
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मलेरिया | प्लाज़्मोडियम | यकृत व् प्लीहा | मादा एनाफ्लीज़ मच्छर | कुनैन, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन | ठण्ड के साथ बुखार, सिर दर्द |
पेचिस | एन्ट अमीबा हिस्टोलिका | बड़ी आंत | घरेलू मक्खियां | ऐमेटीन के इंजेक्शन, आइरोफार्म दवाइयां | शरीर तथा पेट में ऐठन, खून के साथ दस्त |
निद्रा रोग | ट्रिपेनोसोमा | मस्तिष्क | सी-सी मक्खी (Tse-Tse) | – | अनिद्रा, बुखार |
कालाज़ार | लीशमैनिया डोनावानी | अस्थिमज्जा | बालू मक्खी | सोडियम स्टेबोग्लुकोनेट | बुखार, तिल्ली एवं यकृत का बढ़ जाना |
पायरिया | एन्ट अमीबा जिंजिवेलिस | मसूढ़ों | – | पेनिसिलिन का टिका, विटामिन सी | मसूड़ों में रक्त का निकलना, मुँह से दुर्गन्ध आना, दांत ढीले होकर गिरना |
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विषाणु (Virus) से होने वाले रोग
बीमारी का नाम | विषाणु के नाम | प्रभावित अंग | टेस्ट | टीका | लक्षण |
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एड्स | HIV (इम्युनो डिफ़्फीसिएन्सी वायरस) | प्रतिरक्षा प्रणाली (WBC) | एलिसा ((ALISA) एन्ज़ाइम लिंक्ड इम्युन सोर्बेन्ट ऐसे ) | NA | रोग प्रतिरोधक छमता का नष्ट होना |
डेंगू बुखार ( हड्डी तोर बुखार ) | डेंगू वायरस | संपूर्ण शरीर खास कर सिर, आँख और जोड़ | मरीज के खून में एंटीजन IgM और IgG व् प्रोटीन NS-1 देखे जाते हैं | NA | बुखार आना, ठण्ड लगना, मांसपेशी व जोड़ों दर्द, रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या कम होना |
पोलियो | पोलियो मेलाइटिष या पोलियो | तंत्रिका तंत्र (Nervous System) | – | ट्राइवेलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन एवं बाईवैलेंट वैक्सीन | ज्वर, पैर में लकवा, बदन में दर्द, रीढ़ की हड्डी आंत की कोशिकाएं नष्ट हो है |
चेचक | पैरिओला वायरस | पूरा शरीर विशेष रूप से चेहरा व हाँथ पैर | – | बायोवैक -V | शरीर में चकत्ते होना, तेज बुखार |
खसरा या रूबेला O | मोर्बिली वायरस | स्वसन प्रणाली एवं संपूर्ण शरीर | NA | MMR टीका, MMRV टीका, MR टीका, केवल खसरा टीका | शरीर पर लाल दाना, बुखार |
हैपेटाइटिस या पीलिया | हेपेटाइटिस | यकृत | Liver Function टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, हैपेटाइटिस ए, बी, सी का टेस्ट | – | पेशाब पीला, आँख एवं त्वचा पीला हो जाता है |
रेबीज ( हाइड्रोफोबिया ) | रेबिज़ लाइसिसीवर्स वायरस | केंद्रीय तंत्रिका तंत्र | NA | HDCV, Imovax | तेज बुखार, रोगी पागल हो जाता है, जिव बाहर निकालता है |
हर्पीज | हर्पीज सिम्पलेक्स | त्वचा | NA | – | त्वचा में सूजन, शरीर में खुजली |
मेनिनजाइटिस ( दिमागी बुखार ) | – | मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु | ब्लड टेस्ट, MRI, C .T स्कैन | मेनिंगोकोल कंजुगेट वैक्सीन | तेज बुखार, गर्दन में अकरण |
इंफ्लूएंजा | इन्फ्लुएंजा वायरस | स्वसन तंत्र | मोलेक्यूलर औसेसु एंटीजेन डीटेफसन टेस्ट | Afluria quadrivalent | गलशोथ, बुखार, थकान |
Some Important Points About Virus
- पोलियो के टीके की खोज सर्वप्रथम जोनास साल्क ने वर्ष 1952 में की। बाद में अलबर्ट सॉबिन ने ओरल पोलियो वैक्सीन विकसित किया।
- 27 मार्च 2014 को भारत को आधिकारिक तौर पे पोलियो मुक्त देश का दर्जा प्राप्त हुआ।
- पोलियो का वायरस शरीर में दूषित भोजन तथा जल से प्रवेश करता है।
- अप्रैल,1977 में भारत को चेचक मुक्त घोषित किया गया था।
- डेंगू जिसे क्यूलेक्स फैटिगेंस, एडीज एलबोविक्टस तथा एडिस एजिप्टि नामक मादा मच्छर फैलाते हैं।
- चेचक के टीके का आविष्कार ‘ एडवर्ड जेनर ‘ ने किया था।
- WHO द्वारा ‘ विश्व से चेचक का उन्मूलन ‘ 1980 में घोषित हुआ।
- एडवर्ड जेनर को इम्यूनोलॉजी का जनक कहा जाता है।
- ‘ पित्त ज्वर ‘ का संचार एडीज जाती के मच्छरों द्वारा होता है।
- एडीज एल्बोपिक्टस जिसे ‘ टाइगर मच्छर ‘ के नाम से जाना जाता है, पित्त ज्वर, डेंगू तथा चिकनगुनिया जैसे रोगों के करक विषाणु का वाहक होता है।
- ‘ जापानी एन्सेफलाइटिस ‘ रोग का कारक फ्लैविविराइडी कुल का विषाणु होता है। इस विषाणु का वाहक सिर्फ क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छर होते हैं।
- हैपेटाइटिस- बी वायरस हेपा डी एन ए वायरस है। इसके कारण लिवर में सूजन एवं जलन पैदा हो जाती है।
- एड्स विषाणु में RNA + प्रोटीन होता है।
- राबर्ट चार्ल्स गैलो ने HTLV – III, Human T – cell Leukemia virus की खोज की। यह अतिघातक एड्स का कारक है।
- जीडोवूदीन एक प्रकार की एंटी रेट्रोवायरल दवा है, जिसे HIV/एड्स के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
- पालतू सुअर एवं जंगली चिड़ियाँ जापानी एनसेफेलाइटिस के विषाणु के वाहक होते हैं।
- फुट एवं माउथ रोग मवेशियों में होने वाला एक विषाणुजन्य संक्रमणीय रोग है।
- बर्ड फ्लू एवियन इंफ्ल्यूएंजा नामक रोग का ही प्रचलित नाम है जो कि H5N1 नामक वायरस के कारण पैदा होता है।
जीवाणु (Bacteria) से होने वाले रोग
बीमारी का नाम | जीवाणु का नाम | प्रभावित अंग | टेस्ट | वाहक | लक्षण |
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टायफायड | साल्मोनेला टाइफी | आंत | विडाल टेस्ट | संक्रमित भोजन या पानी के सेवन से होता है | उच्च ज्वर, सर दर्द, कमजोरी |
हैजा | विब्रियो कॉलेरी | आंत | रैपिड कॉलरा डिपस्टिक टेस्ट | दूषित भोजन या पानी | उल्टी के साथ गंभीर पतले दस्त |
टिटनेस या लॉकजॉ | क्लॉस्ट्रिडियम टेटनी | तंत्रिकातंत्र | स्पैटुला टेस्ट | धूल, मिटटी और पशु मल में पाया जाता है | गर्दन के मांसपेशियों में अकड़न, जबड़ों में ऐठन, बुखार |
डिप्थीरिया या रोहिणी | कोराइन बैक्टीरियम डिप्थीरी | श्वास नली | स्वैब टेस्ट | – | साँस लेने में कठिनाई, नाक का बहना, बुखार |
क्षय रोग या यक्षमा | माइको बैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस | फेफड़ा | स्पुटम टेस्ट, मोंटेक्स टेस्ट, लाइन प्रोब असे | TB से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने से | तीन हफ़्तों से ज्यादा खांसी होना, कफ निकलना, रक्त निकलना, कमजोरी |
प्लेग या ताऊन | पाश्चुरेला पेस्टिस या चरसिनीय फेस्टिस | फेफड़ा, कौरिया, दोनों पैरों के बिच | – | पिस्सुओं के काटने से | तेज बुखार, शरीर पर गिल्टियाँ, खांसी |
निमोनिया | स्ट्रेप्टोकोकस न्युमोनी | फेफड़ा | छाती का x -Ray, CBC, स्पुटम, कल्चर | बिमार व्यक्ति के खांसने, छींकने से | छाती में दर्द, कफ, बुखार, सर्दी, सांस लेने में कठिनाई |
कोढ़ | माइको बैक्टीरियम लेप्री व् माइको बैक्टीरियम लेप्रोम टॉसिस | शरीर की नसें, हाथ पैर, नाक की परत, तंत्रिकातंत्र | लेप्रोमिन स्किन टेस्ट, स्किन बायोप्सी | लम्बे समय तक संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने से | त्वचा पर फोड़े या चकत्ते, फोफले बनना, सुन्न होना, तंत्रिकाएं प्रभावित होना |
काली खांसी | हीमोफिलिस परट्यूसिस या बोर्डटेला परट्यूसिस | श्वसन तंत्र | x -Ray , ब्लड टेस्ट | संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से | लगातार खांसी आना, बहती नाक, बुखार, बलगम आना |
गोनोरिया या सुजाक | नाइसेरिया गोनोरी | प्रजनन मार्ग के गर्म तथा गीले क्षेत्र में | नुक्लेइक एसिड एम्पलीफिकेशन टेस्ट (NAAT) | – | मूत्र मार्ग में सूजन, पेशाब करते समय जलन |
सिफलिस | ट्रेपोनिमा पैलिडम | यौन अंग, गुदाशय | वी डी आर एल टेस्ट | संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क के माध्यम से | यौन अंगों में घाव |
Some Important Points About Bacteria (जीवाणु)
- DPT का टीका डिप्थीरिया, कुकुर खांसी एवं टिटनेस से सुरक्षा हेतु नवजात शिशु को दिया जाता है।
- जीवाणुओं द्वारा होने वाली बीमारियों के उपचार हेतु सल्फा दवाइयों का प्रयोग किया जाता है।
- सर्वप्रथम सल्फा ड्रग्स “प्रांटोसिल “की खोज 1932 ई. में की गई थी।
- क्लोरम्फेनिकॉल (Chloramphenical) जिसे क्लोरोनाइट्रोमाइसिन के नाम से भी जाना जाता है, एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक है।
- दन्त क्षय के लिए उत्तरदायी जीवाणु है – स्ट्रेप्टोकोक्स म्यूटॉन्स और लैक्टोबैसिलस।
- B.C.G का टीका यक्ष्मा (T.B) के बचाव के लिए शिशु को लगाया जाता है।
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regard rajeev mehra.