नागरिकों के मौलिक अधिकार, कर्तव्य एवं नीति – निर्देशक सिद्धांत


नागरिकों के मौलिक अधिकार, कर्तव्य एवं नीति – निर्देशक सिद्धांत

मौलिक अधिकार

मूल रूप से संविधान ने सात मूल अधिकार प्रदान किए: 

1. समता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)

2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22) 

3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)

4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)

5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29-30)

6. संपत्ति का अधिकार (अनुच्छेद 31) – इसे 44वें संविधान संशोधन द्वारा मौलिक अधिकार की सूची से हटा दिया गया

7. सांविधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)

1. समता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)

(a) अनुच्छेद 14 : विधि के समक्ष समता एवं विधियों का समान संरक्षण 

(b) अनुच्छेद 15 : धर्म, मूल वंश. लिंग और जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध 

(c) अनुच्छेद 16 : लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता

(d) अनुच्छेद 17 : अस्पृश्यता का अंत और उसका आचरण निषिद्ध

(e) अनुच्छेद 18 : सेना या विद्या संबंधी सम्मान के सिवाए सभी उपाधियों पर रोक 

2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22) 

(a) अनुच्छेद 19 : छह अधिकारों की सुरक्षा (i) वाक् एवं अभिव्यक्ति, (ii) सम्मेलन, (iii) संघ (iv) संचरण, (v) निवास, (vi) वृत्ति

(b) अनुच्छेद 20 : अपराधों के लिए दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण

(c) अनुच्छेद 21 : प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण

(d) अनुच्छेद 21 : प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार

(e) अनुच्छेद 22 : कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण

3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24) 

(a) अनुच्छेद 23 : बलात् श्रम का प्रतिषेध

(b) अनुच्छेद 24 : कारखानों आदि में बच्चों के नियोजन का प्रतिषेध

4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28) 

(a) अनुच्छेद 25 : अंत:करण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता

 (b) अनुच्छेद 26 : धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता

(c) अनुच्छेद -27 : किसी धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता

(d) अनुच्छेद 28 : कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता

5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 – 30)

(a) अनुच्छेद 29 : अल्पसंख्यकों की भाषा, लिपि और संस्कृति की सुरक्षा

(b) अनुच्छेद – 30 : शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यकवर्गों का अधिकार

6. अनुच्छेद – 32 : सांविधानिक उपचारों का अधिकार

मूल अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का अधिकार। इसमें शामिल याचिकाएं है 

  • बंदी प्रत्यक्षीकरण
  • परमादेश
  • प्रतिषेध
  • उत्प्रेषण
  • अधिकार पृच्छा

मौलिक कर्तव्य :

– संविधान के 42वें संशोधन (1976 ई.) के द्वारा मौलिक कर्त्तव्य को संविधान में जोड़ा गया  ( सरदार स्वर्ण सिंह समिति की अनुशंसा पर )

– इसे रूस के संविधान से लिया गया है।

– इसे भाग 4(क) में अनुच्छेद-51 (क) के तहत रखा गया।

 मौलिक कर्त्तव्य की संख्या 11 है, जो इस प्रकार है

1. प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे व उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र-ध्वज और राष्ट्र-गान का आदर करे। 

2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन को प्रेरित करनेवाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे । 

3. भारत की प्रभुता, एकता और अखण्डता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे। 

4. देश की रक्षा करे । 

5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे।

6. हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे ।

7. प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और उसका संवर्धन करे।

8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करे।

9. सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखे। 

10. व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे । 

11. माता-पिता या संरक्षक द्वारा 6 से 14 वर्ष के बच्चों हेतु प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना (86वाँ संशोधन)।

राज्य के नीति – निर्देशक तत्व :

अनुच्छेद 38 : राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनायेगा, जिससे नागरिक को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय मिलेगा। 

अनुच्छेद 39 (क) : समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता, समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था इसी में है। 

अनुच्छेद 39 (ख) : सार्वजनिक धन का स्वामित्व तथा नियंत्रण इस प्रकार करना ताकि सार्वजनिक हित का सर्वोत्तम साधन हो सके। 

अनुच्छेद 39 (ग) : धन का समान वितरण । 

अनुच्छेद 40 : ग्राम पंचायतों का संगठन । 

अनुच्छेद-41 : कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार । 

 अनुच्छेद-42 : काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबन्ध । 

अनुच्छेद-43 : कर्मकारों के लिए निर्वाचन मजदूरी एवं कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन।

अनुच्छेद-44 : नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता । 

अनुच्छेद-46 : अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ-संबंधी हितों की अभिवृद्धि । 

अनुच्छेद-47 : पोषाहार स्तर, जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य । 

अनुच्छेद-48 : कृषि एवं पशुपालन का संगठन । अनुच्छेद-48 (क) : पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन एवं वन्य जीवों की रक्षा । 

अनुच्छेद-49 : राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण।

अनुच्छेद -50 : कार्यपालिका एवं न्यायपालिका का पृथक

अनुच्छेद -51 : अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि

अनुच्छेद -350(क) : प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा देना

अनुच्छेद – 351 : हिंदी को प्रोत्साहन देना

भारतीय शासन अधिनियम 1919 एवं 1935
संविधान सभा
राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति
प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद
संघीय संसद (राज्यसभा तथा लोकसभा)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *